गंगा नदी को राष्ट्रीय महत्व की नदी घोषित करवाने और गंगा के पहले चरण (गोमुख से उत्तरकाशी तक के 145 किलोमीटर) को "इको सेंसिटिव जोन" घोषित करवाने की सफलता के बाद रेमन मैग्सेसे प्रस्कार
विजेता राजेन्द्र सिंह 'जल-पुरुष' की एक और पुरानी मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है. हिन्दू धर्म की परम्पराओं में ज्येष्ठ माह की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा
स्नान करते हैं. उनकी श्रद्धा और आस्था को ध्यान में रखते हुए राजेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार से विगत कई वर्षों से इन अवसर पर नदी के प्रवाह में जल-राशि की पर्याप्तता की मांग की थी, जिसे 26 अप्रैल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की स्वीकृति के बाद मान लिया है. इस आदेश को सभी सम्बंधित गांगेय राज्यों में मुख्यमंत्रियों को भेज दिया गया है.
विगत वर्ष नयी दिल्ली के विश्व युवा केंद्र में हुयी २१ जून की बैठक में देश भर से आये जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की बैठक में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की उपस्थिति में राजेन्द्र सिंह की तरफ से यह
मांग पात्र प्रस्तुत किया गया था. इस मांग पात्र में गंगा दशहरा की मान्यता और आस्था को मद्देनजर रखते हुए इस उपलक्ष्य में दस दिन गंगा के प्रवाह में जल-राशि की पर्याप्तता रखने की प्रमुख मांग की गयी थी. केंद्र
सरकार ने इस मांग को मानते हुए इस वर्ष 5 जून से 11 जून तक के सप्ताह को "गंगा संरक्षण सप्ताह" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इस सम्बन्ध में गंगा सहित अन्य सभी नदियों की सुचिता और प्रवाह को अबाध करने के सम्बन्ध में भी केंद्र सरकार ने सहमति प्रकट की है. इस पूरे सप्ताह पूरे देश में गंगा के प्रति समर्पण जताते हुए पर्यावरण और खासकर गंगा के प्रति जागरूकता और जन-भावना को जाग्रत करने का काम किया जाएगा. कानपुर ,इलाहाबाद और वाराणसी मंडल के आयुक्तों ने इस आदेश के बारे में जानकारी जताते हुए हर्ष जताया और इस कार्यक्रम में जन-सहभागिता के साथ बड़े सामूहिक कार्यक्रमों को करने की सहमति जताई.इन सभी ने इस पूरे सप्ताह को जिलेवार मनाने के लिए योजना बना ली है.
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