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Showing posts from July, 2012

भू-जल दिवस के सन्दर्भ में कैनविज़ टाइम्स में २० जुलाई को प्रकाशित लेख

पानी रहेगा तो जिंदगी रहेगी      यह हकीकत है कि उत्तर प्रदेश के शासन ने भूजल संरक्षण के लिए कागजों पर बहुत कुछ किया है। लेकिन समाज के साथ मिलकर उन्हें जमीन पर उतारने का काम अभी बहुत बाकी है। काश! हर बरस आने वाले भू-गर्भ जल दिवस पर हम प्रदेशवासी भी जाग जाते। काश! इसे हम महज एक आयोजन न मानकर संकल्प , समीक्षा और भू-गर्भ जल संरक्षण आदेशों व सुन्दर काम के सम्मान का मौका बना पाते। माइक संभालने की बजाय फावड़ा उठा पाते। किंतु यह हो नहीं पा रहा।          जानने की बात है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला प्रदेश है , जिसने मनरेगा के तहत तालाबों के नाम पर बन रही चारदीवारियों की बड़ी बेवकूफी सुधारकर उसे पानी आने के रास्ते की तरफ से पूरा खुला रखने का आदेश जारी किया। मनरेगा तालाबों के लिए जगह के चुनाव में समझदारी भरे निर्णयों का होना अभी बाकी है।            उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद द्वारा जारी चारागाह , चकरोड , पहाड़ , पठार व जल संरचनाओं की भूमि को किसी भी अन्य उपयोग हेतु प्रस्तावित करने पर रोक लगाने , अन्य उपयोग हेतु पूर्व में किए गये पट्टे-