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ग्रामोदय और अन्त्योदय हो लक्ष्य

 आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, ऐसे में राष्ट्र की उन्नति का मूल आदर्श ग्राम की संकल्पना है, जिसके माध्यम ग्रामोदय और अन्त्योदय के लक्ष्य पूर्ति की जानी है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए निम्न सुझाव हैं-

v "आदर्श ग्राम" अर्थात "पूर्ण रोजगार संतृप्त गाँव" की परिकल्पना के सम्बन्ध में सामाजिक और आर्थिक मानकों के आधार पर अवधारणा-पत्र विकसित करना.

v गाँव में उपलब्ध मानव-श्रम को पर्यावरण-पूरक धंधों में उपयोग करने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग और योजना विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र का अर्थ-चक्र विकसित करने के लिए पत्र प्रेषित किया जाए.

v विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध तकनीकी और प्रबंधन कालेजों के सहयोग से आवश्यकता-आधारित आदर्श ग्राम के माडल विकसित करने का निवेदन किया जाए और उसको प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक जनपद में 100 आदर्श गाँव विकसित करने का लक्ष्य किया जाए.

v ग्राम पंचायत स्तर पर विकसित मंडियों को एक वेब-साईट के माध्यम से जोड़कर कृषि-उपज के सही मूल्य और मार्केटिंग के लिए तंत्र विकसित करना.

v प्रत्येक वर्ष आदर्श गाँव योजना के चयन का आधार अत्यंत दुर्गम व दूरस्थ स्थित और आर्थिक आधार पर विपन्न जनता का अन्त्योदय बनाया जाए, जिनके विकास में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से मदद ली जाए.

vप्रत्येक वर्ष आदर्श गाँव योजना हेतु चयनित गाँव में वृहद् और सतत वृक्षारोपण और तालाबों का उन्नयन कराकर हरित भूमि संरक्षण कार्य कराये जाएँ.


 

अरविन्द कुमार त्रिपाठी 

04-07-2022

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