प्रदेश की वर्तमान सरकार का सबसे बड़ा तोहफा कानपुर में मुकेश मेश्राम का जिलाधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना था. सालों के बाद कानपुर को एक जीवंत अंदाज का ऐसा अधिकारी मिला जिसने अपने आठ महीने से कुछ अधिक के अल्प कार्यकाल में बच्चों से लेकर अशक्त वृद्धों तक अपनी पहुच दिखाई. का...नपुर में सालों बाद आई गंगा में बाढ़ के पीडितों के दर्द बांटने के मामले हों या फिर पनकी के पास घटित रेल-दुर्घटना, वे सदा पीडितों के साथ रहे.यह जीवन्तता उनका कानपुर महोत्सव के देर रात के कार्यक्रम में सहभागी बनकर भी जाहिर किया गया. यद्यपि कानपुर की सूरत-ए-हाल बदलने में कोई बहुत अधिक उन्हें सफलता नहीं मिली. आज भी सड़कों में गड्ढे हैं. हत्या और लूट की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है. उनके काल में ही इंदिरा आवास के घोटाले हो गए.यहाँ तक की गरीब ग्रामीण बच्चों और युवाओं के लिए बनने वाले स्टेडियम में घोटाले भी हो गए. दिव्या कांड जैसी निंदनीय घटना भी उसी समय घटी.पर व्यापक रूप से होने वाले इन विरोध-प्रदर्शनों के केंद्र में श्री मेश्राम कभी नहीं रहे.कारण उनका व्यक्तित्व और कृतित्व था. अपनी तमाम सीमाओं को जानते हुए बीच का सुहृद...
मूलतया कनपुरिया - बेलौस, बिंदास अन्दाज़ के साथ एक खरी और सच्ची बात का अड्डा…